
अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में शामिल होने के बीच खड़ी है बड़ी आर्थिक बाधा
शहर के दो युवा किक बाक्सर एशियन टूर्नामेंट के लिए चयनित प्रतियोगिता में दोनों खिलाड़ियों का चयन जिले और यहां के युवाओं के लिए गौरव की बात तो है लेकिन इस आयोजन में शामिल होने के लिए आर्थिक बाधा खड़ी हो गई है।
अंबिकापुर: सरगुजा अंचल में खेल की कई प्रतिभा मौजूद है जिनमें जीत की क्षमता तो अपार है लेकिन आर्थिक परेशानी उन्हें बेहतर मंच देने में बाधा बनी रहती है। कुछ इसी तरह की समस्या किक बॉक्सिंग खेल के दो मेधावी होनहार युवा खिलाड़ी के सामने है। शहर के प्रतिभावान किक बॉक्सर सरवर एक्का और अमन जैनिश लकड़ा का चयन प्रतिष्ठित एशियन किक बॉक्सिंग चैंपियनशिप के लिए किया गया है। यह प्रतियोगिता थाईलैंड के बैंकॉक शहर में आगामी 10 दिसंबर से आयोजित है।
प्रतियोगिता में दोनों खिलाड़ियों का चयन जिले और यहां के युवाओं के लिए गौरव की बात तो है लेकिन इस आयोजन में शामिल होने के लिए आर्थिक बाधा खड़ी हो गई है। इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए इन दोनों खिलाड़ियों को आने जाने के खर्च के रूप में करीब डेढ़-डेढ़ लाख रुपए की जरूरत है। समस्या यह है कि इन दोनों खिलाड़ियों के परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे एकमुश्त डेढ़ लाख रुपए का जुगाड़ कर सके और प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में शामिल हो सके।
बहरहाल उनके प्रशिक्षक चंद्रमणि मिंज दोनों खिलाड़ियों को एशियन टूर्नामेंट में शामिल कराने के लिए जीतोड़ प्रयास कर रहे हैं। जहां उम्मीद दिख रही है वहां वे दस्तक दे रहे हैं ताकि दोनों खिलाड़ियों को आने-जाने के लिए कुछ राशि मिल सके। बता दें कि सरवर एक्का, अमन जैनिश लकड़ा के साथ शहर की स्वाति राजवाड़े ने पिछले दिनों दिल्ली में आयोजित अंतरराष्ट्रीय किक बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। इस टूर्नामेंट के प्रदर्शन के आधार पर सर्वर और अमन का सीनियर वर्ग में चयन किया गया है।
एशियन किक बॉक्सिंग फेडरेशन द्वारा आयोजित एशियन किक बॉक्सिंग चैंपियनशिप को प्रतिष्ठित टूर्नामेंट माना जाता है। 10 से 18 दिसंबर तक बैंकॉक में प्रतियोगिता का आयोजन होना है और इन दोनों खिलाड़ियों को एक सप्ताह पूर्व दिल्ली में पहुंचना है। दोनों खिलाड़ियों की प्रतिभा को देखते हुए कोच चंद्रमणि मिंज ने कलेक्टर कुंदन कुमार को आवेदन देकर मदद करने का आग्रह किया है। इसके अलावा जनप्रतिनिधियों से भी मुलाकात कर कुछ आर्थिक सहायता मिलने की पहल कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस टूर्नामेंट में शामिल होने से दोनों खिलाड़ियों के भविष्य में और बड़े आयोजन में शामिल होने का रास्ता खुल जाएगा।
स्वाति का टूट गया था सपना
किक बॉक्सिंग खेल में स्वाति राजवाड़े का नाम आज छत्तीसगढ़ में जाना जाता है। शहर के ओपीएस स्कूल की 12वीं कक्षा की छात्रा स्वाति हाल ही में दिल्ली में संपन्न अंतरराष्ट्रीय किक बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत चुकी है। उसके सामने भी आर्थिक परेशानी बड़े टूर्नामेंट में शामिल होने में बनी हुई है। बीते सालों में उसका चयन विश्व चैंपियनशिप में जूनियर वर्ग में हुआ था।
यह टूर्नामेंट इटली में आयोजित था लेकिन आने-जाने और प्रतियोगिता में शामिल होने का खर्च इतना बड़ा था कि वह चाह कर भी प्रतियोगिता में शामिल नहीं हो सकी। इस तरह की प्रतिभाएं आर्थिक परेशानी के कारण दम तोड़ रही हैं। इन प्रतिभाओं को उभारने का मौका देने के लिए प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को सामने आने की जरूरत है।